लंदन। ऐसी महिलाएं जिन्हें अभी तक उचित जीवन साथी नहीं मिल सका है वे अब अपने अंडाणुओं को घर पर ही पॉवडर के रूप में सुरक्षित रख सकती हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि अंडाणुओं को शुष्क अवस्था में भी कमरे के तापमान पर सुरक्षित रखा जा सकता है। अंडाणुओं को घर पर ही सुरक्षित रखना संभव हो जाने के कारण अब इन्हें फर्टिलिटी क्लिनिक में रखने का खर्चा भी बच जाएगा और महिलाएं जब भी अपना परिवार बढ़ाना चाहें वे इस पॉवडर में सिर्फ पानी मिलाकर इससे आइवीएफ उपचार के जरिए मां बन सकती हैं।
इस सप्ताह न्यू साइंटिस्ट में प्रकाशित एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इजरायली वैज्ञानिक आमिर अरव का कहना है कि आप इस अंडाणु पॉवडर को जब तक चाहें तब तक कमरे के तापमान पर सुरक्षित रख सकते हैं और इसमें सिर्फ पानी मिला कर इसे पुन: सक्रिय कर सकते हैं। ऐसी महिलाएं जो अभी परिवार बढ़ाना नहीं चाहतीं उनके लिए एग फ्रीजिंग यानी फर्टिलिटी क्लिनिक में कम तापमान पर अपने अंडाणुओं को सुरक्षित रखवाने की सुविधा पहले से ही उपलब्ध है और ब्रिटेन की सैकड़ों हजारों महिलाएं इस सुविधा का लाभ भी उठा रही हैं।
यह सुविधा खासकर कैंसर के उन रोगियों को ध्यान में रखते हुए ईजाद की गई है जिनके उपचार के दौरान बांझ होने का खतरा रहता है। इस सुविधा के जरिए वे कैंसर के उपचार के बाद भी अपने आगे के जीवन में मां बन सकती हैं। लेकिन ये सुविधा उन महिलाओं के लिए भी उपयोगी है जो कैरिअर जैसी वजहों के कारण फिलहाल मां नहीं बनना चाहतीं या जिन्हें अभी अपने सही जीवन साथी की तलाश है।
अंडाणुओं को फर्टिलिटी क्लिनिक में सुरक्षित रखवाने पर लगभग 3,500 पाउंड की लागत तथा सौ से डेढ़ सौ पाउंड सालाना का किराया लगता है। लेकिन डॉ अरव की फर्म कोर डायनेमिक्स का दावा है कि उन्होंने विज्ञान की फंतासी को हकीकत में उतार लिया है तथा अंडाणुओं को अत्यंत तेजी से प्रशीतित कर पहले वे उसे कांच जैसी अवस्था में ले आते हैं। इसके बाद इन अंडाणुओं को प्रशीतित-शुष्कन विधि के द्वारा पॉवडर के रूप में तब्दील कर दिया जाता है। इस पॉवडर को एयर-टाइट कंटेनर में अंधेरे में घर में ही रखा जा सकता है जिससे महिलाओं के अंडाणुओं को फर्टिलिटी क्लिनिक में रखने में आने वाला खर्च बच सकता है।
अभी तक उन्हें मनुष्य के नाभि रज्जु की कोशिकाओं को निर्जलीकृत कर पॉवडर रूप में तब्दील करने में सफलता मिल चुकी है। उन्होंने गायों के अंडाणुओं को भी इस विधि से पॉवडर के रूप में तब्दील किया है तथा इस प्रक्रिया से प्राप्त 23 से 30 अंडाणु प्रक्रिया में सफल पाए गए हैं।
नए वैज्ञानिकों का कहना है कि भविष्य में ऐसी महिलाएं जो अपना मातृत्व सुरक्षित रखना चाहती हैं वे घर पर ही पॉवडर के रूप में अंडाणुओं को सुरक्षित रख ऐसा कर पाएंगी। बच्चे को जन्म देने के लिए उन्हें बस पाउच खोलकर अंडाणुओं में पानी मिलाना होगा जिसके बाद शुक्राणुओं के साथ निषेचन कराकर उन्हें भू्रण के रूप में प्रत्यारोपित किया जा सकेगा।
No comments:
Post a Comment