
जिस बलीपुर गांव में बीते शनिवार तीन कत्ल हुए, वहां ब्राह्मण, क्षत्रिय, यादव, पटेल और पासी बिरादरी के तकरीबन 250 परिवार रहते हैं। ज्यादातर घरों से पुरुष घर छोड़ कर जा चुके हैं। जिस घर के सामने डिप्टी एसपी जियाउल और प्रधान नन्हें यादव के भाई सुरेश का कत्ल हुआ, वहां रहने वाली महिला से जब मीडिया ने पूछा कि उस दिन क्या हुआ था तो उसका कहना था कि वह तो दवा खाकर सो रही थी। जब पूछा गया कि गोली चलने पर भी नींद नहीं टूटी तो उसका कहना था कि उसे कुछ सुनाई नहीं पड़ा। यह पूछने पर कि घर के बाकी सदस्य कहां गए, महिला का कहना था कि कई दिन पहले सब रिश्तेदारी में गए और वापस भी कई दिन बाद आएंगे। जब महिला से उसका नाम पूछा गया तो महिला का कहना था कि वह तो अनपढ़ है। वह अपना नाम-वाम नहीं जानती।
गांव में हालात यह हैं कि मवेशियों को चारा-पानी देने जो महिलाएं घर से निकलती भी हैं, वह किसी भी अजनबी शख्स को देखकर तुरंत दरवाजा बंद करने लगती हैं। कोई पुरुष अगर सामने मिल जाए और उससे किसी का पता भी पूछा जाए तो वह तपाक से जवाब देते हैं वह इस गांव की नहीं हैं। वह तो रिश्तेदारी में आई हैं। यह इलाकाबाहुबली रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का है और यहां रहने वालों के सिले हुए होंठ इस बात की गवाही देते हैं कि इलाके में उनका किस कदर आतंक है।
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