
यदि सूर्य का प्रकाश घर में आता है तो उसमें रहने वाले उत्साह व ऊर्जावान महसूस करेंगे। जहां तक हो सके प्राकृतिक प्रकाश को महत्व देना चाहिए।
दिन के समय प्राकृतिक प्रकाश को रोकने वाले गतिरोध को दूर करना चाहिए यथा खिड़कियों के परदे खुले रहना चाहिए, ताकि घर में ज्यादा से ज्यादा सूर्य की किरणें प्रवेश कर सकें।
जहां तक हो सके घर में कृत्रिम रोशनी को कम से कम रखना चाहिए। हमारे शयन कक्ष में सदैव धीमा लाइट होना चाहिए। यदि शयन कक्ष में तेज रोशनी होगी तो हमारे आराम में बाधा डालेगी और नींद नहीं आएगी। शयन कक्ष या आराम कक्ष में हमारे सन्मुख लाइट नहीं होना चाहिए।
पढ़ाई का कमरा यदि अलग है तो पढ़ते वक्त आंखों पर तेज रोशनी नहीं होना चाहिए, नहीं तो हमें पढ़ने में बाधा पहुंचेगी और नींद आने लगेगी। पढ़ाई के रूप में किताबों पर न अधिक न कम रोशनी पड़ना चाहिए।
यदि किसी विशिष्ट स्थान पर आप ऊर्जा को प्रभावित करना चाहते हैं तो उस क्षेत्र में दो मोमबत्तियों को वहां जलाकर उस स्थान को ऊर्जावान बनाया जा सकता है। कक्ष के पूर्व भाग में मोमबत्ती जलाना आशावादी और स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करती है और पूरे कमरे में संतुलन बनाए रखती है।
उसी तरह घर के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में मोमबत्ती जलाना शांति को बढ़ाने में मदद करता है।
No comments:
Post a Comment